साँप की फ़ितरत यही
हम को तू देगा दग़ा चल हट परे।
बे-वफ़ाओ से वफ़ा चल हट परे।।
जी हज़ूरी हम करे वो भी तेरी ।
भाड़ मे जाए 'अता चल हट परे।।
दुश्मनी करना तुम अदा से शौक से।
क्या रहा मुझ को बता चल हट परे।।
मुश्किलें माना बहुत है ज़िन्दगी।
हम जिए हो ग़मज़दा चल हट परे।।
साँप की फ़ितरत यही है डस लेगा।
वो करेगा हक़ अदा चल हट परे।।
Gopal Gupta "Gopal "
Milind salve
22-May-2023 08:10 AM
👌👏
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सीताराम साहू 'निर्मल'
21-May-2023 06:48 PM
बहुत खूब
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